हर रोज प्यार को थोड़ा थोड़ा बढ़ाती जाओ और धीरे-धीरे मेरे करीब आती जाओ एक दूसरे के बगैर हम रह ना सके जुड़ जाएं कुछ इस तरह से कोई हम दोनों को अलग कर ना सके
उनसे हमारे रिश्ते कई बार टूटे और जुड़े थे आखिरी बार दिल कुछ ऐसे टूटा फिर जुड़ ना सका प्यार इधर भी है और उधर भी है ना हम सताने जाते हैं और ना वह मनाने आते हैं हम अब दिल ही दिल में पछताते हैं बस यही हाल अब उनका है